I.A.S कि नौकरी बहुत हि प्रतिष्ठित और अच्छी होती है, लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए बहुत हि मेहनत और लगन चाहिए, अकेली मेहनत सफलता नही दिला सकती, लेकिन अगर मेहनत सही दिशा में हो और आपका प्रयास अच्छा है , तो निश्चित हि आप सफलता पा जायेंगे। यहाँ मै बात smart work कि कर रहा हूँ ।
अब आपको कोई ये नही बता सकता कि मेहनत कैसे करनी है, पढ़ाई कैसे करें ? क्योकि आप पिछले 15-17 साल से यही तो कर रहें है । मेरे कहने का मतलब है, भेड़ चाल छोड दे, और खुद को पहचाने, आप अपने पढ़ने को बेहतर किजिए । अगर आप किसी इंसान कि दिनचर्या को खुद पर लादने का प्रयास करेंगे तो क्या होगा आप मन से वह कर हि नही पाओगें ।
आप पहले खुद होना सीखे उसके बाद हि कुछ हो पायेगा , इसके लिए अच्छा रास्ता क्या है , अप्प दीपो भवः गौतम बुद्ध का यही मंत्र ध्यान रखें । जब तक आप खुद नही जलेंगे तब तक रोशनी नही फैला सकते।
एकलव्य को देखो महाभारत का यह नायक बिना सीखाये हि अर्जुन से बेहतर धनुर्धर बन गया। अगर ये अकेला हि इन महारथियो से आगे निकल गया तो आप क्यों नही I.A.S बन सकते। मत सोचो कि हमारे पास पैसो कि कमी है, मत सोचो कि नही होगा बस कर डालो , हमारे पास ऐसे भी उद्धारहण मौजूद है जो कम पैसो के चलते भी I.A.S बने है।
कमी कहाँ पर है, हम मे हि है , तो इसके लिए करना क्या होगा । सबसे पहले आलस को त्यागना होगा, खुद पर विश्वास करना होगा । क्योकि असंभव कुछ भी नही है । अगर कोई ठान ले तो पर्वत फतह हो जाता है, अगर इंसान ने सोचा और मेहनत कि तो इंसान चाँद पर पहुंच गया । सब कुछ हम पर निर्भर करता है।
जीवन में अत्यन्त संभावनाए है, उठो! जागो और जब तक लक्ष्य न मिले तब तक उसका पीछा करते रहो ,स्वामी विवेकानन्द् कि इस उक्ति का यही आशय है रुकना नही । रूकना है भी क्यों ? क्योकि आप ने कुछ ठान कर हि तो I.A.S बनने के बारे में सोचा होगा । इस लिए कुछ भी ऐसी हि नही मिल जाता , जो भी प्रसिद्ध लोगो को आप देखते हो उनके पीछे उनकी बहुत मेहनत और बलिदान छुपा होता है । इसलिए हमारे पूर्व राष्ट्रपती A.P.J. abdul kalam कहते है अगर आप सूर्य कि तरह चमकना चाहते हो तो उसके पहले सूर्य कि तरह जलना सीखें ।
इस प्रकार आशा करता हूँ कि अब आप समझ गये होंगे कि आप अपने लिए कितने महत्वपूर्ण हो खुद को पहचानो और अपना लक्ष्य प्राप्त करें ।
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।